Wednesday 27 February 2013

२३ मार्च २० १ ३ को कबीर प्रतिष्ठान , लातुर की ओर से राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

२३ मार्च २० १ ३ को कबीर प्रतिष्ठान , लातुर  की ओर से राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन  

Saturday 23 February 2013


अखिल भारतीय साहित्यकला मंचद्वारा
काठमाण्डु (नैपालमें आयोजित
(अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी समारोह8 जून 2013 से 11 जून, 2013 तक)

कार्यक्रमानुसार सभी प्रतिभागी 8 जून, 2013 की प्रात7 बजेशनिवार को नयी दिल्ली के इनिदरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर अपने-2 स्थलों से पहुँचेंगे । नर्इ दिल्ली एयरपोर्टसे इसी दिन प्रात10 :55 बजे हमारा विमान काठमाण्डु (नैपालके अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्टके लिए उड़ान भरेगा। एयरपोर्ट काठमाण्डु (नैपालके परिसर में हमें लेने के लिए एजेन्सीकी वातानुकूलित बसें मार्गदर्शक के साथ उपसिथत रहेंगी। इनके द्वारा सभी प्रतिभागी'शंकर होटल (फोर स्टारकाठमाण्डु (नैपालमें पहुँचेंगेजहाँ पर 8 जून से 11 जून कीप्राततक हम सबके लिए आवासीय और शाकाहारी भोजन एवं जलपान की व्यवस्था प्राप्तहोगी।



तत्पश्चात 9 जून, 2013 को प्रात9 बजे से 6 बजे सायं तक 'शंकर होटल (फोर स्टारकेवातानुकूलित सुसजिजत विशाल सभागार में कार्य क्रमानुसार अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी समारोहसम्पन्न होगा। रात्रि विश्राम के उपरान्त 10 जून, 2013 को एजेन्सी द्वारा निर्धारितवातानुकूलित बसों द्वारा मार्ग दर्शकों के निर्देशन में हम सभी प्रतिभागी काठमाण्डु (नैपाल)के प्राकृतिकऐतिहासिक और सांस्Ñतिक स्थलों का पूरे दिन भ्रमण करेंगे। पुनरात्रिविश्राम के पश्चात 11 जून, 2013 को प्रातजलपान के उपरान्त हमें होटल चैक आउटकरना है और पूर्व निर्धारित बसों के द्वारा
श्री पशुपतिनाथ मन्दिर  काठमाण्डु (नैपालके लिए प्रस्थान करेगे वहाँ से निवृत्त होने केपश्चात उन्हीं बसों के  द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट काठमाण्डु (नैपालमें ठीक 11 बजे पहुंँचजायेंगेजहाँ से ठीक 2:00 बजे नयी दिल्ली के लिए हमारा विमान उड़ान भरेगा और हमलोग लगभग 4 बजे अपरान्ह नयी दिल्ली वापस पहुंँच जायेंगे।

इस पंजीयन सहयोग राशि में 8 जून, 2013 को नयी दिल्ली अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्टसे काठमाण्डु (नैपालएयरपोर्ट और पुन11 जून, 2013 को वापस काठमाण्डु एयरपोर्ट सेनयी दिल्ली (भारतअन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट तक आने-जाने का समग्र व्यय शामिल है।यथा-अन्तर्राष्ट्रीय काठमाण्डु एयरपोर्ट से शंकर होटल काठमाण्डु बसो द्वारा जानापुनबसोंद्वारा काठमाण्डु पर्यटन स्थलों पर घूमनावापस एयरपोर्ट काठमाण्डु पहुंचनाशंकर होटलमें 8 जून, 2013 की अपरान्ह से लेकर 11 जून, 2013 की प्रातजलपान तक  (चैक आउटहोने से पूर्वयथा समय जलपान और दोनों समय का विशुद्ध शाकाहारी भारतीय भोजन,पर्यटन-भ्रमण तथा समारोह आयोजन का समग्रव्यय इसी राशि में शामिल है। 




समस्त प्रतिभागियो को समय पर यात्रा के मध्य दिए जाने वाले आवश्यक निर्देशों का अनुपालन करना अनिवार्य होगा। पंजीयन आवेदन-पत्र संलग्न है। इसे ध्यानपूर्वक पढ़ लें और भरकर भेजें। 

कृपया अपने पासपोर्ट अथवा भारतीय चुनाव आयोग द्वारा प्रदत्त मतदान परिचय-पत्र की कलर्ड छायाप्रति और अपना शैक्षिक-साहित्यिक विवरण (बायोडाटा) तथा अपना एक कलर्ड छायाचित्र साथ भेजना न भूलें। नैपाल अथवा अन्य देशों से शामिल हिन्दी-सेवियों को पृथकश: आंशिक पंजीयन शुल्क देना होगा। 



अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का मुख्य विषय है

'हिन्दी का वैशिवक परिदृश्य

इसी प्रकार इसमें समाहित अन्य विषय हैं-
1.       विश्व के विविध देशों में हिन्दी की दशा  दिशा
2.          प्रवासी भारतीय साहित्यकारों का हिन्दी 
को अवदान
3.         भारत के विविध प्रान्तों में हिन्दी का क्रमिक विकास
4.         सरकारीगैर-सरकारी साहितियक-संस्थाओं का हिन्दी को योगदान
5.        हिन्दी पर भारतीय राजनीति का प्रभाव
6  मुगलकाल में हिन्दी                                              
7.   अंग्रेजों के कार्यकाल मेंहिन्दी
8  विज्ञान और हिन्दी                                   
9.  चिकित्सा  विज्ञान और हिन्दी
१०. इन्जीनियरिंग शिक्षा



नोट:1. कृपया अपना आलेख एक ओर डबल स्पेस में हिन्दी देवनागरी लिपि में टंकण कराकरत्रुटिरहित प्रूफकर एक प्रति भेजें। आलेख स्तरीय हो।
2. आपका आलेख किसी भी स्थिति में पाँच पृष्ठों से अधिक नहीं होना चाहिए। आलेख का सार पृथकश: संलग्न करें। 
3. 
आपका मूल आलेख पुस्तक रूप में यथावत सम्पादित/प्रकाशित होगा। सम्पादक के अपने अधिकार होंगे। 
4. 
आपका आलेख हमें प्रत्येक स्थिति में 15 मार्च, 2013 तक अवश्य मिल जाना चाहिए। 
5. 
हमारा प्रयास होगा कि अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में इस ग्रंथ का लोकार्पण हो प्रकाशित होने पर यह ग्रंथ आपको नि:शुल्क दो प्रतियों में प्रदान किया जायेगा। अत: समय के संयमन का अनुपालन करें। 
6. 
अपनी कृतियों के लोकार्पण सम्बन्धी पूर्व सूचना 15 मार्च 2013 तक अवश्य दे दें। 


आप असाधारण हिन्दी सेवी हैं। कार्यक्रम आपका अपना है। हिन्दी व हिन्दुस्तान का सम्मान आपके हाथ है। अत: विवादों से बचें और परस्पर देश-विदेश में सौहार्द बनाये रखें। समारोह का उद्देश्य स्पष्ट है- हिन्दी भाषा व साहित्य की सेवा और भारतीय संस्कृति का प्रसार तथा समग्र मानवता का उन्नयन। किसी वैदेशिक धरती पर मंच का यह प्रथम साहित्य-समारोह है। हम आपके सारस्वत सहयोग के स्नेहाकांक्षी।